बॉक्स-ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई "Baby John"? पुष्पा 2 के सामने झुके Varun Dhawan

वरुण धवन की फिल्म "Baby John", जो 2016 में रिलीज़ हुई विजय थलापति की सुपरहिट तमिल फिल्म "थेरी" का आधिकारिक हिंदी रीमेक है, जो 25 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। एक शानदार एक्शन-ड्रामा और दमदार स्टार कास्ट के बावजूद यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष करती नजर आ रही है। यहां तक कि सलमान खान का कैमियो भी इस फिल्म को दर्शकों के बीच चर्चा का विषय नहीं बना पाया। वहीं, साउथ की सुपरहिट फिल्म "पुष्पा 2" अभी भी बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही है। आइए विश्लेषण करें कि "Baby John" ने कहां चूक की और क्या रीमेक फिल्मों का जादू अब फीका पड़ने लगा है।

बॉक्स ऑफिस पर “Baby John” का प्रदर्शन

बेबी जॉन ने अपने पहले दिन 11.25 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। लेकिन यह आंकड़ा भी अपेक्षाओं से कम था। क्रिसमस की छुट्टी और साल के अंत का फायदा इस फिल्म को नहीं मिला। पहले वीकेंड के बाद से ही फिल्म का प्रदर्शन कमजोर पड़ने लगा। छठे दिन यानी 30 दिसंबर को फिल्म ने केवल 1.85 करोड़ रुपये की कमाई की। कुल मिलाकर, पहले सप्ताह तक फिल्म ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर मात्र 30.50 करोड़ रुपये कमाए। जो इसके बजट ₹160 करोड़ के हिसाब से बेहद निराशाजनक है।

इस कारण फिल्म हुई फ्लॉप

1. फिल्म ‘थेरी' का रीमेक है

“Baby John” की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह "थेरी" जैसी फिल्म की एक औसत रीमेक है। दक्षिण भारतीय फिल्मों के रीमेक के प्रति दर्शकों का झुकाव धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, क्योंकि अब साउथ की फिल्में हिंदी में डब होकर सीधे ओटीटी और सिनेमाघरों में उपलब्ध हैं।

2. वरुण धवन का किरदार

वरुण धवन ने ईमानदार पुलिस अधिकारी का किरदार निभाने की कोशिश की, लेकिन वह विजय थलापति की करिश्माई अदाकारी को पर्दे पर नहीं ला सके। दर्शकों को उनका अभिनय कहीं-कहीं ओवरएक्टिंग जैसा महसूस हुआ।

3. सलमान खान का कैमियो

फिल्म में सलमान खान का कैमियो दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने के लिए एक बड़ा दांव था, लेकिन यह सिर्फ 10 मिनट की उपस्थिति तक सीमित रहा और कहानी में ज्यादा असर नहीं डाल पाया।

4. निर्देशन की कमी

निर्देशक ‘कलीस' ने फिल्म को साउथ की कहानी के अनुरूप तो रखा, लेकिन हिंदी दर्शकों की संवेदनाओं को पकड़ने में असफल रहे।

5. कमजोर संगीत और संवाद

फिल्म का संगीत औसत दर्जे का था और गानों ने दर्शकों पर कोई खास प्रभाव नहीं डाला। वहीं, डायलॉग भी दर्शकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।


“थेरी” से “Baby John” कहानी में कितना बदलाव?

"थेरी" तमिल सिनेमा की एक बेहतरीन एक्शन फिल्म थी, जिसमें विजय थलापति ने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई थी। फिल्म की कहानी उसके परिवार, बदले और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के इर्द-गिर्द घूमती है।

“Baby John” ने "थेरी" की मूल कहानी को लगभग वैसा ही रखा, लेकिन इसे हिंदी दर्शकों के लिहाज से थोड़ा बदला गया। वरुण धवन ने विजय थलापति का किरदार निभाया, जिसे एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में दिखाया गया है, जो अपनी बेटी के लिए अपनी पहचान छुपाकर एक साधारण जीवन जीता है, यह रीमेक हालांकि दर्शकों से उस तरह का कनेक्शन नहीं बना पाई, जैसा “थेरी” ने अपने समय में किया था।

सफल रही अल्लू अर्जुन की Pushpa2

दूसरी ओर, अल्लू अर्जुन की पुष्पा 2: द रूल ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार प्रदर्शन किया है। फिल्म ने 25 दिनों में भारत में कुल ₹1,157 करोड़ की कमाई की, जिसमें हिंदी संस्करण से ₹753.9 करोड़ शामिल हैं। वर्ल्डवाइड, फिल्म का कुल कलेक्शन ₹1,760 करोड़ से अधिक हो चुका है, जो इसे भारतीय सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में से एक बनाता है। 

बेबी जॉन की असफलता के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला, फिल्म की कहानी और प्रस्तुति दर्शकों को प्रभावित करने में विफल रही। दूसरा, फिल्म का बजट अधिक था, लेकिन कमाई कम रही, जिससे लागत निकालना मुश्किल हो गया है। तीसरा, पुष्पा 2 जैसी बड़ी फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा ने भी बेबी जॉन की कमाई पर नकारात्मक प्रभाव डाला। बेबी जॉन की असफलता से यह स्पष्ट होता है कि केवल बड़े बजट और स्टार कास्ट के बल पर सफलता नहीं पाई जा सकती।


नहीं चल रही रीमेक फिल्में

पिछले कुछ सालों में कई साउथ फिल्मों के हिंदी रीमेक बॉक्स ऑफिस पर असफल रहे हैं, जैसे कि "जर्सी", "सेल्फी", और अब "Baby John"। इसकी मुख्य वजह यह है कि दर्शक अब ओरिजिनल फिल्म को डब या सबटाइटल के साथ देखना पसंद करते हैं। हिंदी सिनेमा को अब रीमेक के बजाय ओरिजिनल कंटेंट पर फोकस करना होगा। जब तक फिल्म निर्माता कहानी में नया और रोमांचक नहीं लाते, रीमेक फिल्मों का दौर खत्म हो सकता है।

“Baby John” का भविष्य ओटीटी पर बेहतर हो सकता है?

अब “Baby John” के निर्माताओं की उम्मीदें ओटीटी रिलीज़ पर टिकी हुई हैं। अगर फिल्म को सही प्रमोशन और प्लेटफॉर्म मिला, तो हो सकता है कि डिजिटल दर्शक वर्ग इसे स्वीकार कर ले। “Baby John” की असफलता हिंदी सिनेमा के लिए एक बड़ा सबक है। केवल बड़े नाम और बजट फिल्म को हिट नहीं बना सकते। दर्शक अब कुछ नया, और दमदार देखना चाहते हैं।